शरीर पर तिलः लाभ/नुकशान

शरीर पर तिलः लाभ/नुकशान

शरीर पर कई प्रकार के जन्मजात अथवा जीवन काल के दौरान निकले निशान पाए जाते हैं। जिन्हे हम तिल, मस्सा एवं लाल मस्सा के नाम से सुनते आए हैं। भारतीय ज्योतिष शास्त्रों की शाखा समुद्र विज्ञान में शरीर पर मौजूद चिन्हों के आधार पर व्यक्ति के भविष्य का विश्लेषण किया जाता है, शरीर पर पाए गए यह निशान हमारे भविष्य और चरित्र के बारे में बहुत कुछ दर्शाते हैं। कई बार समय के साथ तिल बन जाते है और गायब भी हो जाते है लेकिन कुछ तिल या मस्से हमेशा रहते है
लगभग हर पुरूष व स्त्री के किसी न किसी अंग पर तिल अवश्य पाया जाता है। उस तिल का महत्व क्या है? शरीर के किस हिस्से पर तिल का क्या फल मिलता है। ज्‍योतिष के अभिन्‍न अंग सामुद्रिकशास्‍त्र के अनुसार शरीर के किसी भी अंग पर तिल होना एक अलग संकेत देता है।

इससे पहले कि हम आपको बतायें कि शरीर के किस अंग पर तिल होने के क्‍या प्रभाव होते हैं, हम आपको बतायेंगे कुछ अंगों के नाम और वो इंसान के व्‍यक्तित्‍व को किस तर उल्‍लेखित करते हैं। यह भी सामुद्रिक शास्‍त्र की एक विधा है, जिसमें इंसान के व्‍यक्ति को उसके अंगों को देख पहचान सकते हैं।
पुरुष के शरीर पर दाहिनी ओर तिल होना शुभ एवं लाभकारी माना गया है जबकि महिलाओं के बायीं तरफ वाले तिल शुभ एवं लाभकारी माने जाते हैं।

* मुंह पर तिल
– मुखमंडल के आसपास का तिल स्त्री तथा पुरुष दोनों के सुखी संपन्न एवं सज्जन होने के सूचक होते हैं। मुंह पर तिल व्यक्ति को भाग्य का धनी बनाता है। उसका जीवनसाथी सज्जन होता है।

* जबड़े पर तिल
– जबड़े पर तिल हो तो स्वास्थ्य की अनुकूलता और प्रतिकूलता निरंतर बनी रहती है।

* ठोड़ी पर तिल
– जिस स्त्री की ठोड़ी पर तिल होता है, उसमें मिलनसारिता की कमी होती है।

* कंधों पर तिल
– दाएं कंधे पर तिल का होना दृढ़ता तथा बाएं कंधे पर तिल का होना तुनकमिजाजी का सूचक होता है।

* कोहनी पर तिल
– कोहनी पर तिल का पाया जाना विद्वता का सूचक है।

* माथे पर
– बलवान हो

* ठुड्डी पर
– स्त्री से प्रेम न रहे दोनों बांहों के बीच–यात्रा होती रहे

* दाहिनी आंख
– पर स्त्री से प्रेम

* आंख पर तिल
– दायीं आंख पर तिल स्त्री से मेल होने का एवं
– बायीं आंख पर तिल स्त्री से अनबन होने का आभास देता है।

* गाल पर तिल
– गाल पर लाल तिल शुभ फल देता है। बाएं गाल पर कृष्ण वर्ण तिल व्यक्ति को निर्धन, किंतु दाएं गाल पर धनी बनाता है।

* होंठ पर
– होंठ पर तिल वाले व्यक्ति बहुत प्रेमी हृदय होते हैं। यदि तिल होंठ के नीचे हो तो गरीबी छाई रहती है। विषय-वासना में रत रहे

* कान पर तिल
– कान पर तिल व्यक्ति के अल्पायु होने का संकेत देता है।

गर्दन पर – आराम मिले
* दाहिनी भुजा पर तिल
– ऐसे तिल वाला जातक प्रतिष्ठित व बुद्धिमान होता है। लोग उसका आदर करते हैं।

* बायीं भुजा पर तिल
– बायीं भुजा पर तिल हो तो व्यक्ति झगड़ालू होता है। उसका सर्वत्र निरादर होता है। उसकी बुद्धि कुत्सित होती है।

* नाक पर
– नाक पर तिल – नाक पर तिल हो तो व्यक्ति प्रतिभासंपन्न और सुखी होता है। महिलाओं की नाक पर तिल उनके सौभाग्यशाली होने का सूचक है.यात्रा होती रहे

* अंगूठे पर तिल
– अंगूठे पर तिल हो तो व्यक्ति कार्यकुशल, व्यवहार कुशल तथा न्यायप्रिय होता है।

* तर्जनी पर तिल
– जिसकी तर्जनी पर तिल हो, वह विद्यावान, गुणवान और धनवान किंतु शत्रुओं से पीड़ित होता है।

* मध्यमा पर तिल
– मध्यमा पर तिल उत्तम फलदायी होता है। व्यक्ति सुखी होता है। उसका जीवन शांतिपूर्ण होता है।

* अनामिका पर तिल
– जिसकी अनामिका पर तिल हो तो वह ज्ञानी, यशस्वी, धनी और पराक्रमी होता है।

* कनिष्ठा पर तिल
– कनिष्ठा पर तिल हो तो वह व्यक्ति संपत्तिवान होता है, किंतु उसका जीवन दुखमय होता है।

* छाती पर तिल
– छाती पर दाहिनी ओर तिल का होना शुभ होता है। ऐसी स्त्री पूर्ण अनुरागिनी होती है। पुरुष भाग्यशाली होते हैं। शिथिलता छाई रहती है। छाती पर बायीं ओर तिल रहने से भार्या पक्ष की ओर से असहयोग की संभावना बनी रहती है। छाती के मध्य का तिल सुखी जीवन दर्शाता है। यदि किसी स्त्री के हृदय पर तिल हो तो वह सौभाग्यवती होती है।

* गले पर तिल
– गले पर तिल वाला जातक आरामतलब होता है। गले पर सामने की ओर तिल हो तो जातक के घर मित्रों का जमावड़ा लगा रहता है। मित्र सच्चे होते हैं। गले के पृष्ठ भाग पर तिल होने पर जातक कर्मठ होता है।

* कमर पर तिल
– यदि किसी व्यक्ति की कमर पर तिल होता है तो उस व्यक्ति की जिंदगी सदा परेशानियों से घिरी रहती है।

* पेट पर तिल
– पेट पर तिल हो तो व्यक्ति चटोरा होता है। ऐसा व्यक्ति भोजन का शौकीन व मिष्ठान्न प्रेमी होता है। उसे दूसरों को खिलाने की इच्छा कम रहती है।

* पीठ पर तिल
– पीठ पर तिल हो तो जातक भौतिकवादी, महत्वाकांक्षी एवं रोमांटिक हो सकता है। वह भ्रमणशील भी हो सकता है। ऐसे लोग धनोपार्जन भी खूब करते हैं और खर्च भी खुलकर करते हैं। वायु तत्व के होने के कारण ये धन संचय नहीं कर पाते।

* हाथों पर तिल
– जिसके हाथों पर तिल होते हैं वह चालाक होता है। गुरु क्षेत्र में तिल हो तो सन्मार्गी होता है। दायीं हथेली पर तिल हो तो बलवान और दायीं हथेली के पृष्ठ भाग में हो तो धनवान होता है।

* घुटनों पर तिल
– दाहिने घुटने पर तिल होने से गृहस्थ जीवन सुखमय और बायें पर होने से दांपत्य जीवन दुखमय होता है।

* पैरों पर तिल
– पैरों पर तिल हो तो जीवन में भटकाव रहता है। ऐसा व्यक्ति यात्राओं का शौकीन होता है। दाएं पैर पर तिल हो तो यात्राएं सोद्देश्य और बाएं पर हो तो निरुद्देश्य होती हैं।

* दाहिने हाथ की पीठ पर
– धनवान हो

* बाएं हाथ की पीठ पर
– कम खर्च करे

* बाएं हाथ की पीठ पर
– कम खर्च करे

* दाहिने पैर
– बुद्धिमान हो

* बाएं पैर
– खर्च अधिक हो

 
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